आलू की इस वेरायटी का मिट्टी नहीं हवा में हो रही उपज,बाजार में मिलती दोगुनी कीमत

आलू की इस वेरायटी का मिट्टी नहीं हवा में हो रही उपज,बाजार में मिलती दोगुनी कीमत

पश्चिम चंपारणः ज़िले में इन दिनों आलू की एक ऐसी वेरायटी की खेती की जा रही है. जिसकी उपज खेत की मिट्टी में नहीं, बल्कि मचान या पेड़ों पर हवा में हो रही है. ज़िले के रामनगर प्रखंड स्थित हरपुर गांव निवासी कृषक विजय गिरी ने आलू की इस खास वेरायटी को अपने बागीचे में लगाया है. उनका कहना है कि इसका फलन ज़मीन पर नहीं, बल्कि हवा में किसी फल की तरह होता है. सामान्य आलू की तुलना में इसका आकार भी एकदम अलग होता है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो, यह स्टार्च, विटामिन्स, मिनिरल्स और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है. यही कारण है कि इसका सेवन डायबिटीज़ के पेशेंट्स भी कर सकते हैं.

दुर्लभ फसलों की खेती करते हैं विजय 
सोहसा पंचायत के हरपुर गांव निवासी विजय गिरी एक प्रगतिशील किसान हैं. वो दशकों से दुर्लभ और अनोखी फसलों की खेती करते आ रहे हैं. उन्होंने चम्पारण की मिट्टी में ही इलायची, माल्टा, खस, मैजिक चावल और काली हल्दी सहित अन्य कई ऐसे फसलों की खेती की है, जिनका रंग सामान्य से बिल्कुल अलग होता है. अपनी अनोखी खेती के इस क्रम में अब वे एक ऐसे आलू को उपजा रहे हैं, जिसे मुख्य रूप से एयर पोटेटो यानि हवाई आलू के नाम से जाना जाता है.

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मिट्टी नहीं, हवा में होती है इस आलू की उपज
नरकटियागंज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ.आशुतोष कुमार बताते हैं कि, विजय द्वारा उपजाए गए इस अनोखे आलू को हवाइयन आलू के नाम से जाना जाता है. जहां अन्य आलू की पैदावार ज़मीन पर होती है. वहीं हवाइयन आलू की खेती मचान बनाकर की जाती है. ऐसे में यह कद्दू जैसे किसी लत्तीदार सब्ज़ी की तरह हवा में ही फलने लगता है. देश भर में गिने चुने किसान ही इसकी खेती कर रहे हैं, जिनमें विजय का नाम भी शामिल है.

औषधीय गुणों से भरपूर 
आशुतोष की माने तो, साधारण आलू की तुलना में हवाइयन आलू में अत्यधिक मात्रा में विटामिन्स और मिनिरल्स पाए जाते हैं. बड़ी बात यह है कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा बेहद अधिक और स्टार्च की मात्रा कम पाई जाती है. यही कारण है कि इसका सेवन डायबिटीज के मरीज़ भी कर सकते हैं.

सामान्य आलू से अधिक है कीमत 
विजय बताते हैं कि उन्होंने जंगली आलू की बीज छत्तीसगढ़ से मंगवाई थी. फलन के बाद भले ही इसका आकार समस्या आलू से अलग है, लेकिन खाने में यह बिल्कुल सामान्य आलू की तरह ही लगता है. हां, चुकी इसमें पोषक तत्वों की मात्रा बेहद अधिक है, इसलिए बाज़ार में इसकी कीमत सामान्य आलू से लगभग दोगुनी है.

 

 







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