बालोद : सोमवार को माँ दन्तेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना बालोद में पेराई सीजन का श्रीगणेश हो गया है। यहां केन केरियर की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण और अन्य पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ की गई।जिसके बाद गन्ना केन कैरियर में नारियल तोड़कर और किसानों द्वारा लाए गए गन्ने को मशीन में डालकर पेराई सत्र की शुरुआत की गई। मिल अधिकारियों ने किसान व जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से मिल के केन कैरियर की पूजा करते हुए चेन में गन्ना डाला।पूजा के माध्यम से, किसान और मिल प्रबंधन द्वारा देवी-देवताओं का आशीर्वाद मांगा गया ताकि पेराई सीज़न के दौरान कोई बाधा न आए।19दिसंबर से पेराई शुरू होगी।
बता दें इस साल यहां पंजीकृत 831किसानों से गन्ना खरीदी किया जाना है। पेराई का लक्ष्य 64हजार एमटी निर्धारित की गई है। केन केरियर पूजा कार्यक्रम में एमडी आर पी राठिया, जीएम एल के देवांगन, कारखाना के पूर्व अध्यक्ष बलदु राम साहू, मुख्य गन्ना विकास अधिकारी हाकिम सिंह,गन्ना किसान सांवत राम साहू, चाणक्य यादव, सत्येंद्र साहू, चन्द्रहास साहू सहित अनेक किसान व कर्मचारियों की उपस्थिति रही। 19दिसंबर से पेराई शुरू होगी और खरीदी से पहले किसानों को पर्ची जारी की जाएगी।कारखाना में गन्ना बेचने से पहले किसानों को पर्ची जारी किया जाता है। इसे लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। कारखाना द्वारा अपने गन्ना क्षेत्र सहायक के माध्यम से किसानों तक पर्ची भेजी जाएगी। इसी पर्ची के माध्यम से ही खरीदी प्रक्रिया पूरी की जाती है। उन्होंने कहा किसानों के लिए भोजन सुविधा के लिए इस बार भी प्रबंधन ने दाल भात सेंटर की व्यवस्था बनाई गई है । एमडी श्री राठिया ने बताया कि मिल में पूजा के बाद औपचारिक रूप से चेन में गन्ना डालकर इस सत्र शुभारंभ कर दिया गया है। उन्होंने किसानों से साफ स्वच्छ एवं ताजा गन्ना आपूर्ति करने की अपील की।
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कृषक संगोष्ठी का हुआ आयोजन
पूजा अर्चना के बाद कृषक संगोष्ठी का आयोजन हुआ।जिसमें मुख्य गन्ना विकास अधिकारी हाकिम सिंह ने कहा यह कारखाना क्षेत्रवासियों के लिए सौगात हैं लेकिन कारखाना को क्षमता के हिसाब से गन्ना नहीं मिल रहा है इसकी वजह से हमें दूसरे क्षेत्रों से गन्ना लाना पड़ रहा है उन्होंने बताया 10 से 15हजार मिट्रिकटन गन्ना बेमेतरा आता है लेकिन आने वाले समय में वहां से भी गन्ना नहीं मिलेगा क्योंकि वहां पर एक निजी शक्कर कारखाना खुल रहा है और गन्ने की कमी के कारण कारखाने को संचालन में दिक्कत आ रहा है। उन्होंने बताया शासन ने सुविधाएं दी जा रही है 90% अनुदान दिया जा रहा है और हम सबको कोशिश करना होगा कि गन्ने का रकवा बढ़े और गन्ना कारखाना अपनी पेराई क्षमता के मुताबिक चले। उन्होंने बताया ट्रैक्टर की सुविधा सहित अन्य यंत्र की व्यवस्था कारखाना से हो जाएगा एक हार्वेस्टर की व्यवस्था हो रही है आगामी सीजन में और भी हार्वेस्टर की व्यवस्था हो जाएगी इससे गन्ना किसानों को सुविधा होगा। उन्होंने कहा कारखाना किसानों का है। 2000 हेक्टेयर में गन्ना की फसल से कारखाना को क्षमता के मुताबिक गन्ना मिलेगा।

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