छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की कलमबंद हड़ताल: 11 सूत्रीय मांगों को लेकर

छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की कलमबंद हड़ताल: 11 सूत्रीय मांगों को लेकर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शासकीय कर्मचारी और अधिकारी अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के तत्वाधान में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रस्तावित “काम बंद-कलम बंद” आंदोलन को सफल बनाने के लिए नवा रायपुर में फेडरेशन जिला शाखा की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में आंदोलन की रूपरेखा, रणनीति और सहभागिता को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने आंदोलन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों की लंबे समय से लंबित मांगों पर सरकार का रवैया निराशाजनक रहा है। उन्होंने सभी विभागों के कर्मचारियों से एकजुट होकर 29, 30 और 31 दिसंबर को नवा रायपुर स्थित समस्त शासकीय कार्यालयों में काम बंद–कलम बंद आंदोलन को सफल बनाने की अपील की। बैठक में उपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों ने सर्वसम्मति से आंदोलन में शामिल होने का भरोसा जताया।

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सरकारी उपेक्षा और दमनात्मक कार्रवाई से नाराज कर्मचारी

फेडरेशन का कहना है कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है। धान खरीदी व्यवस्था में तैनात कर्मचारियों पर कार्रवाई, एफआईआर और गिरफ्तारी जैसे मामलों से कर्मचारियों में आक्रोश है। फेडरेशन ने इसे दमनात्मक कार्रवाई बताते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। संयोजक कमल वर्मा ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी एक विभाग का नहीं, बल्कि पूरे कर्मचारी वर्ग की आवाज है।

फेडरेशन की 11 सूत्रीय मांगें

फेडरेशन ने सरकार के सामने 11 प्रमुख मांगों को रखा है, जिनमें से कई वर्षों से लंबित हैं। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

केंद्र सरकार के समान समय पर महंगाई भत्ता (DA) लागू करना

DA एरियर की राशि (CG DA Arrears Payment) GPF में समायोजित करना

सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान

पिंगुआ कमेटी रिपोर्ट सार्वजनिक कर वेतन विसंगतियां दूर करना

प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना

पंचायत सचिवों का शासकीयकरण

सहायक शिक्षकों एवं पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान

नगरीय निकाय कर्मचारियों को नियमित वेतन और पदोन्नति

अनुकंपा नियुक्ति में 10% सीलिंग शिथिलीकरण

प्रदेश में कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा लागू करना

अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस तक बढ़ाना

फेडरेशन ने यह भी कहा कि दैनिक, अनियमित और संविदा कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए सरकार को ठोस नीति बनानी होगी।

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29–31 दिसंबर को प्रभावित हो सकता है शासकीय कामकाज

काम बंद–कलम बंद आंदोलन की घोषणा के बाद यह तय माना जा रहा है कि 29 से 31 दिसंबर के बीच प्रदेश के कई शासकीय कार्यालयों के कामकाज पर असर पड़ेगा। फेडरेशन का दावा है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन में शामिल होंगे। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की, तो आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा।

फेडरेशन नेताओं की मौजूदगी से दिखी ताकत

बैठक में नवा रायपुर फेडरेशन के संरक्षक जय कुमार साहू, संयोजक संतोष कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष नंदलाल चौधरी, महिला प्रकोष्ठ संयोजक सोनाली तिड़के, महासचिव संजीत शर्मा सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कर्मचारी-अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।







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