सब्जी की इस किस्म ने किसानों को बनाया मालामाल,जानिए कैसे करें खेती ?

सब्जी की इस किस्म ने किसानों को बनाया मालामाल,जानिए कैसे करें खेती ?

सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में हरी और लाल शिमला मिर्च की मांग तेजी से बढ़ जाती है. यही वजह है कि यह फसल अब किसानों के लिए मुनाफे का मजबूत जरिया बनती जा रही है. सब्जी के रूप में हर घर में इस्तेमाल होने वाली शिमला मिर्च की अच्छी कीमत किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है. खास बात यह है कि एक ही फसल से किसान कम समय में बेहतर कमाई कर पा रहे हैं.

हमारे देश में शिमला मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. बाजार में हरी, लाल और पीली शिमला मिर्च उपलब्ध होती है. हालांकि तीनों का उपयोग लगभग एक जैसा होता है, लेकिन इनके स्वाद, रंग और बनावट में फर्क होता है. इसी वजह से बाजार में इनके दाम भी अलग-अलग रहते हैं. लाल शिमला मिर्च की कीमत आमतौर पर हरी शिमला मिर्च से ज्यादा होती है. इस विविधता का सीधा फायदा किसानों को मिलता है, क्योंकि वे बाजार की मांग के हिसाब से किस्म का चुनाव कर सकते हैं.

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किसान अपना रहे शिमला मिर्च की खेती
किसान चाहें तो एक ही खेत में अलग-अलग रंग की शिमला मिर्च की खेती कर सकते हैं. इससे उनका जोखिम कम होता है और आमदनी बनी रहती है. अलग-अलग समय पर अलग किस्मों की बिक्री से किसानों को नियमित आय मिलती है. यही कारण है कि अब कई किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ शिमला मिर्च की खेती को भी अपना रहे हैं.

शिमला मिर्च की खेती से हो रहा तगड़ा मुनाफा
शिमला मिर्च की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि सबसे उपयुक्त मानी जाती है. दोमट और बलुई मिट्टी में भी इसकी अच्छी पैदावार ली जा सकती है. जनपद बाराबंकी के नहामऊ गांव के रहने वाले किसान संदीप गौतम ने भी अन्य फसलों के साथ शिमला मिर्च की खेती शुरू की. मेहनत और सही तकनीक के दम पर उन्हें इस खेती में अच्छा मुनाफा देखने को मिला. वर्तमान में वह आधे एकड़ से अधिक जमीन पर शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं और एक फसल से एक से डेढ़ लाख रुपये तक का लाभ कमा रहे हैं.

किसानों के लिए लाल शिमला मिर्च सबसे फायदेमंद
किसान संदीप गौतम बताते हैं कि पहले वे धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन बीते दो वर्षों से उन्होंने हरी सब्जियों की खेती शुरू की है. उनका कहना है कि सब्जी की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. इस समय उनके करीब तीन बीघे खेत में दो प्रकार की शिमला मिर्च लगी हुई है. लाल शिमला मिर्च का रेट बाजार में ज्यादा मिलता है, जबकि हरी शिमला मिर्च थोड़ा सस्ता बिकती है. इसके बावजूद दोनों किस्मों में मुनाफा अच्छा रहता है.

कम लागत में अच्छा मुनाफा
अगर लागत की बात करें तो एक बीघा शिमला मिर्च की खेती में लगभग 20 हजार रुपये खर्च आता है. वहीं मौसम और बाजार भाव के अनुसार एक सीजन में एक से डेढ़ लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है. सर्दियों के मौसम में शिमला मिर्च की मांग ज्यादा रहने के कारण किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं, जिससे उनकी आमदनी और बढ़ जाती है.

दो महीने में तैयार हो जाती है फसल
शिमला मिर्च की खेती करना ज्यादा कठिन नहीं है. सबसे पहले खेत की दो से तीन बार गहरी जुताई की जाती है. इसके बाद खेत में गोबर की खाद और अन्य जरूरी खाद मिलाई जाती है. फिर पूरे खेत में बेड तैयार किए जाते हैं. बेड बनाने के बाद मल्चिंग की जाती है और तय दूरी पर शिमला मिर्च के पौधे लगाए जाते हैं. पौधे लगाने के तुरंत बाद सिंचाई कर दी जाती है. लगभग दो महीने के भीतर फसल तैयार होने लगती है, जिसे बाजार में बेचकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बढ़ती मांग, बेहतर कीमत और कम समय में तैयार होने वाली यह फसल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है. यही कारण है कि अब शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए एक भरोसेमंद और मुनाफे वाली खेती बनती जा रही है.







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