5 संकेत, जो बताते हैं कि अब आपकी दोस्ती में कुछ नहीं बचा

5 संकेत, जो बताते हैं कि अब आपकी दोस्ती में कुछ नहीं बचा

नई दिल्ली :  कहते हैं कि दोस्त वो परिवार होते हैं जिन्हें हम खुद चुनते हैं। एक सच्चा दोस्त जिंदगी को खुशहाल और आसान बना देता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि जिस दोस्ती को हम अपनी ताकत समझते हैं, वही हमारी कमजोरी और तनाव की वजह बन जाती है।

हर रिश्ते की तरह दोस्ती की भी एक उम्र होती है। जब दोस्ती सुकून देने के बजाय सिरदर्द बन जाए, तो यह समझ लेना चाहिए कि अब रुकने का नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का समय आ गया है। अगर आपको अपने किसी दोस्त में नीचे दिए गए ये 5 लक्षण दिखाई दें, तो सतर्क हो जाइए।

आपकी कामयाबी पर खुश न होना

सच्ची दोस्ती का सबसे बड़ा इम्तिहान तब होता है जब आप सफल होते हैं। एक सच्चा दोस्त आपकी जीत को अपनी जीत मानता है और जश्न मनाता है, लेकिन अगर आपका दोस्त आपकी तरक्की देखकर मुंह बनाता है, आपके काम में कमियां निकालता है या ताने मारता है, तो समझ लीजिए कि यह दोस्ती नहीं, जलन है। ऐसे लोग आपको आगे बढ़ते हुए नहीं देख सकते।

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सिर्फ ‘काम’ पड़ने पर याद करना

क्या आपको हमेशा ऐसा लगता है कि फोन या मैसेज सिर्फ आप ही करते हैं? क्या आपका दोस्त आपको तभी याद करता है जब उसे आपसे कोई मदद चाहिए हो या पैसे उधार लेने हों? अगर काम निकल जाने के बाद वो महीनों तक गायब हो जाता है, तो यह 'एकतरफा दोस्ती' है। दोस्ती में लेन-देन नहीं, बल्कि दोनों तरफ से बराबर की कोशिश होनी चाहिए।

महफिल में आपको नीचा दिखाना

दोस्तों के बीच हंसी-मजाक और टांग खिंचाई बहुत आम बात है, लेकिन अगर आपका दोस्त चार लोगों के बीच बार-बार आपका मजाक उड़ाता है, आपकी कमजोरियों पर हंसता है और जब आप विरोध करें तो "अरे, मैं तो मजाक कर रहा था" कहकर बात टाल देता है, तो यह खतरे की घंटी है। जो इंसान आपकी इज्जत नहीं कर सकता, वो आपका दोस्त कभी नहीं हो सकता।

आपकी बातें इधर-उधर करना

दोस्ती की नींव 'भरोसे' पर टिकी होती है। आप अपने दोस्त से अपने दिल के राज साझा करते हैं क्योंकि आपको लगता है कि वो महफूज रहेंगे। लेकिन अगर आपको पता चले कि आपकी पर्सनल बातें, आपके सुख-दुख की कहानियां वो दूसरों को मजे लेकर बता रहा है, तो वहां से तुरंत हट जाना चाहिए। जो व्यक्ति आपके राज नहीं रख सकता, वो आपकी दोस्ती के लायक नहीं है।

मुश्किल वक्त में गायब हो जाना

पुरानी कहावत है कि "दोस्त वही जो मुसीबत में काम आए।" अच्छे वक्त में तो हर कोई साथ खड़ा होता है, पार्टी करता है और घूमता है। लेकिन असली पहचान तब होती है जब आप किसी मुसीबत में हों। अगर आपके बुरे वक्त में आपका दोस्त बहाने बनाकर किनारा कर ले या फोन उठाना बंद कर दे, तो समझ जाएं कि यह रिश्ता सिर्फ अच्छे मौसम का साथी था।

दोस्ती को तोड़ना आसान नहीं होता, इसमें बहुत दुख होता है, लेकिन अपनी मानसिक शांति के लिए टॉक्सिक लोगों से दूर होना बहुत जरूरी है। याद रखें, अकेले रहना गलत दोस्तों के साथ रहने से कहीं बेहतर है।

 







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