खेती बाड़ी हमारे देश के जीविकोपार्जन का अभिन्न हिस्सा शुरू से ही रहा है. पारम्परिक खेती आज भी बहुतायत जगहों पर होती आ रही है, लेकिन कई बार किसान को इस प्रकार की खेती में थोड़ा बहुत नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार किसान को अपनी ही लगाई हुई पूंजी वापस नहीं लौट पाती है. इससे किसानों की कमर टूट सी जाती है. इस स्थिति को जिन किसानों के पास जमीन है वो तो किसी प्रकार से संभाल लेते हैं. हालांकि, जिन किसानों के पास जमीन की कमी है और पूंजी नहीं है वो टूट जाते हैं.
अब ऐसा नहीं होगा, यदि किसान थोड़ा सा आधुनिकता की ओर बढ़े और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से खेती करें तो यह खेती लाभकारी सिद्ध हो सकती है. कम खेत है तब भी किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. इस बारे में जहानाबाद के किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के सोयल एक्सपर्ट वर्षा कुमारी ने कुछ जरूरी सलाह दी है. यदि किसान एक्सपर्ट की बताई बातों को मानते हैं तो काफी फायदा मिल सकता है.एक्सपर्ट के मुताबिक, किसान आज के समय में आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं. किसान को वैज्ञानिक पद्धति से खेती की ओर बढ़ना चाहिए. इससे कहीं न कहीं किसानों को काफी फायदा मिलने वाला है.
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हम यह बताना चाहते हैं कि जिन भी किसानों के पास जमीन की कमी है वो भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. बस थोड़ा खेती का तौर तरीका बदलना होगा. किसान धान, गेहूं या मक्का के बजाय सब्जी की खेती की ओर बढ़ सकते हैं. सब्जी की मांग हर मौसम अच्छी रहती है और कीमत भी अच्छा मिल जाता है.
एक्सपर्ट ने बताया कि अब किसान को यह करना है कि जिस भी मौसम में जिन सब्जियों की मांग रहती है, थोड़ा पार्ट में बांटकर अलग-अलग प्रकार की सब्जियां उगा सकते हैं. जैसे अभी सर्दी का मौसम है तो इस मौसम में आप मटर, मूली, पालक, मेथी, गोभी जैसी सब्जियां उगाई जा सकती है.
इन सब्जियों की सर्दी के मौसम में काफी ज्यादा मांग रहती है. बाजार में अच्छी कीमत मिल सकती है. ऐसे में कमाई के साथ साथ घर में सब्जी खरीदना नहीं होगा. साथ ही पौष्टिक आहार मिल सकता है. क्योंकि यदि आप जैविक खाद का प्रयोग करेंगे तो काफी फायदा होगा.

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