परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड मुख्यालय में जिंदल कंपनी द्वारा आयोजित की गई कथित फर्जी जनसुनवाई के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे ग्रामीणों एवं आदिवासियों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गंभीर रुख अपनाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए नौ सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी पत्र के अनुसार, 5 दिसंबर 2025 से जिंदल की जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग को लेकर आंदोलनरत ग्रामीणों और आदिवासियों पर बर्बरतापूर्ण गिरफ्तारी एवं पुलिसिया कार्रवाई की गई, जिसे पार्टी ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। इसी के मद्देनज़र पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए समिति बनाई गई है।
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इस जांच समिति के संयोजक पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू को बनाया गया है। समिति में पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री एवं विधायक उमेश पटेल, विधायक लालजीत राठिया, विधायक इंद्रशाह मंडावी, विधायक श्रीमती उत्तरी जांगडे, विधायक जनक ध्रुव, जिला कांग्रेस कमेटी रायगढ़ के अध्यक्ष नागेन्द्र नेगी तथा शहर कांग्रेस कमेटी रायगढ़ के अध्यक्ष शाखा यादव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समिति के सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि वे शीघ्र ही तमनार क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित ग्रामीणों और आदिवासियों से भेंट एवं चर्चा करें तथा घटना की वास्तविक स्थिति से अवगत होकर अपना विस्तृत प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रस्तुत करें।यह आदेश प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री (संगठन एवं प्रशासन) मुकुट सोढ़ (मलकीत सिंह गैदू) द्वारा जारी किया गया है। इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव सहित एआईसीसी के अन्य पदाधिकारियों को भी सूचनार्थ पत्र प्रेषित किया गया है।कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह आदिवासियों और ग्रामीणों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को मजबूती से उठाएगी।

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