नक्सल विरोधी अभियान में साल 2025 छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बेहद उल्लेखनीय रहा है. नक्सलवाद के खात्मे के लिए इस साल पुलिस ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. इस साल नक्सली और जवानो के बीच हुई अलग अलग मुठभेड़ में 256 नक्सलियों को मारे गिराने में सफलता मिली है, इन मुठभेड़ों में माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो समेत 10 सीसी मेंबर अलग-अलग मुठभेड़ में मारे जाने के साथ पांच सेंट्रल कमेटी मेंबर हथियार छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो गए है.
इस साल जवानों की शहादत की संख्या में कमी आने के साथ ही नक्सली हिंसा में अपनी जान गवाने वाले आम नागरिकों की संख्या में भी कमी आई है. सुरक्षाबलों और आम लोगों को जिन बारूदी सुरंग में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है उसे भी पुलिस ने एक सक्रिय अभियान के तहत बड़ी तादाद में नष्ट किया. पुलिस ने ऐसे 950 से अधिक आईईडी बरामद कर नष्ट किये. अधिकारियों का मानना है कि आने वाले साल में बस्तर संभाग के कई इलाके जो पिछले 4 दशक से नक्सलियों के गढ़ माने जाते थे वे पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएंगे.
साल 2025 में मुठभेड़ में 256 नक्सली ढेर
बस्तर आईजी के मुताबिक साल 2025 में 256 माओवादी मारे गए है. इन मारे गए नक्सलियों में पोलित ब्यूरो के साथ ही सीसी मेम्बर, DKSZC और DVCM और बड़ी संख्या में ACM और पार्टी मेंबर शामिल है. माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी मेंबर और पोलित ब्यूरो मिलाकर अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 10 माओवादी मारे गए हैं. इसके अलावा पांच सेंट्रल कमेटी मेंबर ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
आईजी का कहना है कि वर्तमान में माओवादी संगठन में केवल 150 से 200 हथियार बंद माओवादी शेष रह गए हैं. इनमें टॉप माओवादी लीडर पोलित ब्यूरो गणपति, देवजी,मिशीर बेसरा, शामिल है. इसके अलावा सेंट्रल कमेटी मेम्बर में संग्राम और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी में पापा राव, बारसे देवा, फगनू और गिने-चुने माओवादी लीडर ही बच गए हैं. इन्हें भी पुलिस लगातार सरेंडर करने की अपील कर रही है.
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600 से ज्यादा हथियार बरामद
इसके अलावा बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलो में हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 664 हथियार बरामद किए हैं, जिसमें 232 ऑटोमेटिक वेपंस शामिल है. साल 2025 में अलग-अलग मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हुए हैं. बस्तर संभाग में अलग अलग जिलों में हुए नक्सल हिंसा में 46 आम नागरिक मारे गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने हत्या की है. हालांकि, पिछले सालों के मुकाबले इस साल आम नागरिकों की हत्या की संख्या में कमी देखी गई है.
1500 से अधिक नक्सलियों ने किया सरेंडर
बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में चलाए रहे (पूना मारगेम )पुनर्वासनीति (घर वापस आइये ) अभियान के तहत 1562 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. पिछले 5 सालों के मुकाबले साल 2025 में नक्सलियों की आत्मसमर्पण करने की यह संख्या सबसे ज्यादा है.
इनमें माड़ डिवीजन के साथ ही दरभा डिविजन, इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके के नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया है. इसके अलावा 884 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है. आईजी ने यह भी बताया कि पिछले 2 सालों में अब तक 12 करोड़ रुपये के ईनामी नक्सलियों को जवानो ने अलग अलग मुठभेड़ में मार गिराया है.
इस साल 52 पुलिस कैंप खुले
एंटी नक्सल ऑपरेशनों में मिल रही कामयाबी के साथ-साथ फोर्स ने सुरक्षा कैंपों के जरिए इन दुर्गम इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है, बस्तर संभाग में फिलहाल कुल 357 सुरक्षा कैंप स्थापित हो चुके हैं, जो माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स की व्यापक और स्थायी तैनाती को दर्शाते हैं. खास बात यह है कि जहां पहले हर साल औसतन 15-16 कैंप खोले जाते थे, वहीं साल 2025 में रिकॉर्ड 52 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए. सबसे बड़ा असर नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में देखने को मिला, जहां 22 नए कैंप खोले गए.
वहीं बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में 18 कैंप और सुकमा जिले के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 12 कैंप स्थापित किए गए हैं, इनमें कर्रेगुट्टा जैसे अतिसंवेदनशील इलाके भी शामिल हैं. पुलिस का दावा है कि नियद नेल्लानार योजना के तहत सुरक्षा कैंप अब सिर्फ ऑपरेशन का आधार नहीं, बल्कि विकास का प्रवेश द्वार बन रहे हैं. टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, तुमालपाड़, रायगुड़ेम, उसकावाया, नागाराम, पेदाबोडकेल, उरसांगल समेत कुल 52 स्थानों पर नए कैंप स्थापित कर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं गांवों तक पहुंचाई जा रही है.
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950 से अधिक आईईडी बरामद
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान साल 2025 में पुलिस को सबसे ज्यादा बारूदी सुरंग के जाल से जूझना पड़ा, इस दौरान करीगुट्टा पहाड़ हो या फिर सड़क एवं घेराबंदी इन सभी जगह पर 10 से अधिक जवानों की शहादत और 50 से अधिक जवानों के घायल होने के मामले में बड़ी वजह आईईडी ही रही है.
नक्सलियों का यह हथियार अब भी बेहद खतरनाक है लेकिन नक्सलवाद के खात्मे में बारूदी सुरंगों डिमांडिंग पुलिस के लिए सबसे उपयोगी साबित रहे ऑपरेशन से पहले और बाद में बड़ी संख्या में आईईडी पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाए और इस दौरान करीब 950 से अधिक आईईडी बरामद कर नष्ट की गई.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने क्या कहा?
बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि एंटी नक्सल ऑपरेशन में मिली इस साल सफलता के पीछे नक्सलियों के खिलाफ पुलिस द्वारा अपनी नई रणनीति, नक्सल अभियानों में बदलाव लाने के साथ नई तकनीक का इस्तेमाल, ग्रामीण अंचलों में पहुंच रहे विकास के चलते नक्सली ग्रामीणों के बीच अपने खोते जनाधार, पुलिस कैम्पो की संख्या बढ़ाने के साथ माओवादी संगठन में आये आपसी फुट शामिल है.
इस साल हुए अलग-अलग मुठभेड़ में टॉप माओवादी लीडर मारे जाने के साथ अब माओवादी संगठन में लड़ाकू नक्सलियों की संख्या में काफी कमी आई है. नए साल के साथ ही पुलिस इन नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ेगी. हालांकि, लगातार स्थानीय नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील भी की जा रही है.

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