यूक्रेन ने भारत पर दोहरे मापदंड का लगाया आरोप,दे डाली ये नसीहत

यूक्रेन ने भारत पर दोहरे मापदंड का लगाया आरोप,दे डाली ये नसीहत

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत और कुछ अन्य देशों की आलोचना की है, खासकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। जिन्होंने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास पर ड्रोन हमले की रिपोर्टों पर चिंता जताई थी।इस पर अब यूक्रेन ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है और पीएम मोदी की आलोचना की है। जेलेंस्की ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन ने ऐसा कोई हमला नहीं किया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत और कुछ अन्य देशों ने पुतिन के आवास पर हमले की निंदा की, लेकिन हमारे बच्चों पर हो रहे हमलों पर कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बताया जा रहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया से बेहद नाराज है।

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भारत की प्रतिक्रिया से नाराज

वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक ऑनलाइन प्रेसकॉन्फ्रेंस में कहा कि यह भ्रमित करने वाला और बुरा है कि भारत, यूएई और अन्य देशों ने पुतिन के आवास पर कथित हमले की निंदा की, जबकि इस हमले का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन देशों ने रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे हमलों और नागरिकों, विशेषकर बच्चों की मौत पर कभी कोई निंदा नहीं की। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि इस तरह की प्रतिक्रियाएं शांति प्रयासों के लिए हानिकारक हैं और रूस की ओर से उठाए गए कदमों को सही ठहराने का अवसर देती हैं।

यूक्रेनी विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया और कहा कि भारत, यूएई और पाकिस्तान की प्रतिक्रियाओं से कीव निराश और चिंतित है। उन्होंने कहा कि रूस ने अभी तक किसी विश्वसनीय सबूत के साथ यह साबित नहीं किया कि कोई हमला हुआ है। सिबिहा ने कहा कि रूस के पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, क्योंकि ऐसा हमला वास्तव में हुआ ही नहीं। उन्होंने जोर दिया कि इस तरह की गलतफहमी और आरोप शांति वार्ता को पटरी से उतार सकते हैं।

रूस पर शांति वार्ता को बाधित करने का आरोप

जेलेंस्की ने अंत में यह भी कहा कि रूस शांति वार्ता को बाधित करने के प्रयास कर रहा है और इस प्रकार के आरोपों के माध्यम से कई देशों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंनेभारत और अन्य देशोंसे यह अपेक्षा जताई कि वे वास्तविक तथ्यों पर आधारित प्रतिक्रिया दें और युद्ध पीड़ितों की ओर ध्यान दें।







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