धमतरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के एक संवेदनशील मामले में न्यायालय ने त्वरित न्याय करते हुए आरोपी को कड़ी सजा सुनाई है।अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) धमतरी ने नाबालिग पीड़िता के साथ किए गए जघन्य अपराध के लिए आरोपी शिवकुमार उर्फ शिवा यादव को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। कोर्ट ने न केवल जेल की सजा सुनाई, बल्कि आरोपी पर 5 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।इस फैसले को समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध करने वाले तत्वों के लिए एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
यह पूरा मामला जून 2024 का है, जब जिले के मगरलोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली करेलीबड़ी पुलिस चौकी में अपराध क्रमांक 150/24 दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार, आरोपी शिवकुमार उर्फ शिवा यादव (23 वर्ष), जो रायपुर जिले के टिकरापारा थाना क्षेत्र के बोरियाखुर्द का निवासी है, ने एक नाबालिग लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाया था।
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इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 366 (शादी या अवैध संबंधों के लिए मजबूर करना), 376(2)(ढ) (बार-बार दुष्कर्म) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) की धारा 4 और 6 के तहत मामला दर्ज किया था।
मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर एक मजबूत चार्जशीट तैयार की थी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष पुख्ता सबूत पेश किए, जिससे यह साबित हुआ कि आरोपी ने नाबालिग की मासूमियत का फायदा उठाते हुए उसके साथ घिनौना कृत्य किया था।
न्यायाधीश ने मामले के सभी पहलुओं और साक्ष्यों का बारीकी से अवलोकन करने के बाद यह माना कि आरोपी किसी भी प्रकार की नरमी का हकदार नहीं है। परिणामस्वरूप, कोर्ट ने उसे उम्रकैद जैसी लंबी अवधि यानी 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
धमतरी पुलिस और विधिक विशेषज्ञों ने इस फैसले का स्वागत किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पॉक्सो एक्ट के मामलों में इस तरह की त्वरित और सख्त सजा से पीड़ित परिवारों का न्याय प्रणाली पर भरोसा और मजबूत होता है। कोर्ट के इस आदेश के बाद दोषी शिवकुमार को जेल भेज दिया गया है

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