आजकल महंगाई के दौर में सब्जियों का बजट बिगड़ना आम बात है. खासकर शिमला मिर्च जैसी सब्जी, जो कभी 40 रुपये किलो मिलती है तो कभी 100 पार चली जाती है. ऐसे में अगर घर पर ही ताजी और केमिकल फ्री शिमला मिर्च मिल जाए, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है. अच्छी बात यह है कि शिमला मिर्च उगाना कोई मुश्किल काम नहीं है. थोड़ी सी जानकारी, सही देखभाल और धैर्य के साथ आप इसे गमले में बहुत आसानी से उगा सकते हैं. चाहे आपके पास बड़ी छत न हो, सिर्फ बालकनी या खिड़की के पास थोड़ी सी जगह हो, तब भी कैप्सिकम का पौधा अच्छी पैदावार दे सकता है. इस लेख में हम आपको बिल्कुल आसान और काम का तरीका बता रहे हैं, जिससे आप घर बैठे अपनी शिमला मिर्च खुद उगा सकें.
शिमला मिर्च को कैप्सिकम भी कहा जाता है और यह ऐसी सब्जी है जो किचन गार्डन के लिए परफेक्ट मानी जाती है. इसका पौधा ज्यादा जगह नहीं लेता, दिखने में भी हरा भरा लगता है और सही देखभाल मिलने पर लंबे समय तक फल देता रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किसी खास खेती वाले अनुभव की जरूरत नहीं होती. नए लोग भी इसे आसानी से उगा सकते हैं.सबसे पहले बात करते हैं सही गमले की. शिमला मिर्च के लिए ऐसा गमला चुनें जो कम से कम 10 से 12 इंच गहरा और चौड़ा हो.
गमले के नीचे छेद होना बहुत जरूरी है ताकि पानी जमा न हो. अगर पानी रुकेगा तो जड़ें खराब हो सकती हैं और पौधा सूख सकता है. मिट्टी की बात करें तो सिर्फ साधारण मिट्टी काफी नहीं होती. इसके लिए बगीचे की मिट्टी, गोबर की सड़ी खाद और थोड़ी सी रेत मिलाकर मिट्टी तैयार करें. यह मिट्टी हल्की और भुरभुरी होनी चाहिए, ताकि जड़ों को फैलने में आसानी हो.
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अब बात आती है बीज की. आप चाहें तो बाजार से अच्छे क्वालिटी के शिमला मिर्च के बीज खरीद सकते हैं. दूसरा आसान तरीका यह है कि आप किचन में इस्तेमाल की गई पकी हुई शिमला मिर्च से ही बीज निकाल लें. बीज निकालने के बाद उन्हें 1 दिन के लिए छाया में सुखा लें. इसके बाद बीज बोने के लिए गमले की मिट्टी को हल्का गीला कर लें और बीज को आधा इंच गहराई में बो दें. ऊपर से हल्की सी मिट्टी डालकर हाथ से दबा दें.
बीज बोने के बाद गमले को ऐसी जगह रखें जहां हल्की धूप आती हो. बहुत तेज धूप में बीज सूख सकते हैं. रोज थोड़ा थोड़ा पानी डालें, लेकिन मिट्टी को कीचड़ जैसा न बनाएं. लगभग 7 से 10 दिन में छोटे छोटे पौधे निकलने लगेंगे. जब पौधे 3 से 4 इंच के हो जाएं, तब उन्हें रोजाना 4 से 5 घंटे की धूप में रखना शुरू करें. शिमला मिर्च के पौधे को धूप बहुत पसंद होती है, लेकिन बहुत ज्यादा गर्मी में दोपहर की सीधी धूप से बचाना चाहिए.
पानी देने का तरीका भी बहुत जरूरी है. रोज पानी देने की जरूरत नहीं होती. जब मिट्टी ऊपर से सूखी लगे तभी पानी डालें. ज्यादा पानी देने से फूल झड़ सकते हैं और फल आने में दिक्कत हो सकती है. हफ्ते में एक बार गमले की मिट्टी को हल्का सा खोद दें, इससे हवा अंदर तक पहुंचेगी और जड़ें मजबूत होंगी.
खाद की बात करें तो हर 15 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालना फायदेमंद होता है. इससे पौधा हरा भरा रहेगा और फूल ज्यादा आएंगे. जब पौधे में फूल आने लगें, तब हल्का सा सरसों की खली का पानी या घर में बना कंपोस्ट टी भी डाल सकते हैं. इससे फल अच्छे आकार के बनते हैं. करीब 40 से 50 दिन में पौधे में छोटे छोटे फल दिखने लगेंगे. शुरू में शिमला मिर्च हरी होती है. आप चाहें तो हरी ही तोड़ सकते हैं या कुछ दिनों तक छोड़ दें, जिससे वह लाल या पीली भी हो सकती है. एक बार फल तोड़ने के बाद पौधा और ज्यादा फल देना शुरू कर देता है, इसलिए सही समय पर तुड़ाई करना जरूरी है.
कीटों से बचाव भी जरूरी है. अगर पत्तियों पर छोटे कीड़े या चिपचिपापन दिखे, तो नीम के तेल का हल्का घोल बनाकर हफ्ते में एक बार स्प्रे करें. इससे कीड़े भी नहीं लगेंगे और पौधा सुरक्षित रहेगा. कैमिकल स्प्रे से बचें, क्योंकि घर में उगाई सब्जी का फायदा तभी है जब वह पूरी तरह सुरक्षित हो. शिमला मिर्च का पौधा 4 से 6 महीने तक लगातार फल देता है, अगर उसकी सही देखभाल की जाए.
इससे आपको बार बार बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और घर पर उगी ताजी सब्जी का स्वाद भी अलग ही होता है. सबसे अच्छी बात यह है कि खुद उगाई हुई शिमला मिर्च देखकर एक अलग तरह की खुशी मिलती है. अगर आप किचन गार्डन की शुरुआत करना चाहते हैं, तो शिमला मिर्च एक बेहतरीन विकल्प है. कम मेहनत, कम खर्च और अच्छा रिजल्ट, तीनों चीजें इसमें मिल जाती हैं.

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