बेमेतरा टेकेश्वर दुबे : आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिले में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ पेयजल संरक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रतिष्ठा ममगाई द्वारा संपूर्ण बेमेतरा जिले को 01 जनवरी 2026 से 30 जून 2026 अथवा मानसून के आगमन तक (जो भी बाद में हो) जलाभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है।यह निर्णय जिले में गिरते भू-जल स्तर, संभावित जल संकट तथा आम नागरिकों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
बिना अनुमति नया नलकूप खनन प्रतिबंधित
उक्त अवधि के दौरान छत्तीसगढ़ पेयजल संरक्षण अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी नया नलकूप खनन प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही पेयजल के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए भी नलकूप खनन नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, शासन की आवश्यक सेवाओं को ध्यान में रखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल प्रयोजन हेतु अपने-अपने नगरीय सीमा क्षेत्र में नलकूप खनन के लिए पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। किंतु इन संस्थाओं को खनन कराए गए नलकूपों की जानकारी संबंधित प्राधिकृत अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी।
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नलकूप खनन अनुमति हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त
जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए नलकूप खनन की अनुमति प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति की गई है अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, बेमेतरा – बेमेतरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बेमेतरा – राजस्व अनुविभाग बेमेतरा क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), नवागढ़ – राजस्व अनुविभाग नवागढ़ क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), साजा – राजस्व अनुविभाग साजा क्षेत्र, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बेरला – राजस्व अनुविभाग बेरला क्षेत्र प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक होने पर शपथ पत्र एवं निर्धारित आवेदन पत्र प्राप्त कर नलकूप खनन की अनुमति प्रदान करेंगे।
नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
यदि किसी व्यक्ति अथवा एजेंसी द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से नलकूप खनन किया जाता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि जल संरक्षण में सहयोग करें, अनावश्यक जल दोहन से बचें तथा नियमों का पालन कर जिले को संभावित जल संकट से बचाने में सहभागी बनें।

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