बालोद जिला जेल में मिला फोन,हमर राज पार्टी के जिलाध्यक्ष को मारने की प्लानिंग में हुआ उपयोग

बालोद जिला जेल में मिला फोन,हमर राज पार्टी के जिलाध्यक्ष को मारने की प्लानिंग में हुआ उपयोग

बालोद: जिला जेल से साइबर सेल और बालोद पुलिस की संयुक्त टीम ने जांच के दौरान एक छोटा मोबाइल फोन जब्त किया है। मोबाइल मिलने की खबर से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।जांच के दौरान यह मोबाइल जेल परिसर में बने मिट्टी के ढेर से बरामद किया गया।

मोबाइल को जब्त कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। दरअसल, हमर राज पार्टी के जिलाध्यक्ष की कार जलाने के मामले में बालोद पुलिस ने मास्टरमाइंड अश्विनी डड़सेना के सहयोगी आरोपी मुकेश निर्मलकर को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। पूछताछ के दौरान मुकेश ने जेल के भीतर मोबाइल होने की जानकारी दी।

सोमवार को बालोद थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा, साइबर सेल प्रभारी धरम भुआर्य, एएसआई सूरज साहू सहित पुलिस टीम ने मुकेश की निशानदेही पर जिला जेल में जांच की। जांच के दौरान बैरक नंबर-6, जहां आरोपी अश्विनी डड़सेना को रखा गया था, उसके सामने मिट्टी के ढेर में छिपाकर रखा गया मोबाइल बरामद किया गया। मोबाइल को साक्ष्य के तौर पर जब्त कर न्यायालय में पेश किया जाएगा।

जेल के भीतर मोबाइल मिलने की घटना ने जेल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जांच का विषय है कि जेल के अंदर बंदियों तक मोबाइल कैसे पहुंचा और इसमें किसकी भूमिका रही। इस पूरे मामले में जेल प्रहरीयों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि जिला जेल में पदस्थ हेड वार्डर जगमोहन साहू और प्रहरी अमित इक्का व हेमंत साहू संदेह के घेरे में हैं।

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ये है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि धोखाधड़ी के मामले में जिला जेल में बंद अश्विनी डड़सेना ने जेल के अंदर से ही हमर राज पार्टी के जिलाध्यक्ष देवेंद्र साहू की हत्या की साजिश रची थी। बीते 1 दिसंबर को सुपारी लेकर हत्या करने पहुंचे आरोपियों ने देवेंद्र साहू को मारने में असफल रहने पर उनकी कार को आग के हवाले कर दिया।

इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड अश्विनी डड़सेना सहित अनिकेत मेश्राम, सूरज रंगारी, दानेश्वर साहू, अभिषेक चौरे, मोहम्मद फैजान, ममता डड़सेना, श्यामू यादव उर्फ रिंकू यादव और मुकेश निर्मलकर को गिरफ्तार किया है।

बताया गया है कि अश्विनी डड़सेना धोखाधड़ी के मामले में और मोहम्मद फैजान मारपीट के प्रकरण में बालोद जेल में निरुद्ध था। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई। अश्विनी ने फैजान को पाररास निवासी देवेंद्र साहू से जमीन विवाद की जानकारी देते हुए हत्या की सुपारी दी।

जेल से रिहा होकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश

4 नवंबर 2025 को फैजान जेल से रिहा हुआ। इसके बाद अश्विनी डड़सेना ने जेल के अंदर से मोबाइल के जरिए फैजान को फोन कर देवेंद्र साहू को गंभीर रूप से घायल करने और उसका वीडियो भेजने को कहा। बदले में पैसा और जमीन दिलाने का लालच दिया गया।

फैजान ने अपने साथियों अनिकेत मेश्राम, सूरज रंगारी और दानेश्वर साहू को इस वारदात के लिए तैयार किया। रिंकू यादव ने 7 हजार रुपये एडवांस दिए, जबकि अभिषेक चौरे ने आरोपियों को देवेंद्र साहू का घर और ऑफिस दिखाया।

1 दिसंबर को आरोपी देवेंद्र साहू के घर पहुंचे, लेकिन सीसीटीवी कैमरे देखकर हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। इसके बाद फैजान के कहने पर आरोपियों ने देवेंद्र साहू की कार में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना की जानकारी मोबाइल के माध्यम से अश्विनी डड़सेना को दी गई।

जेल कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका

जेल के अंदर मोबाइल मिलना सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक को दर्शाता है। इससे अपराधियों को बाहर से संपर्क कर अपराध की योजना बनाने का मौका मिलता है, जो न केवल कानून व्यवस्था बल्कि जेल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। यह घटना जेल कर्मचारियों की संभावित मिलीभगत या सुरक्षा में लापरवाही की ओर इशारा करती है।

गौरतलब है कि 12 दिसंबर को कलेक्टर और एसपी ने भी जिला जेल का निरीक्षण कर बैरकों और बंदियों के सामान की जांच की थी।

 







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