नई दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत के फैंस आज भी उनकी रहस्यमयी मौत से उबर नहीं पाए हैं। 20 जून 2020 को सुशांत अपने घर में मृत पाए गए थे। हालांकि ये पता नहीं चल पाया कि उनका मर्डर किया गया था या फिर उन्होंने सुसाइड किया था या फिर उनकी मौत का कारण कुछ और था।
सुशांत की मौत से लगा था फैंस को झटका
सुशांत की मौत का झटका तो इंडस्ट्री और फैंस को लगा ही, इसके घटना ने नेपोटिज्म और फिल्म इंडस्ट्री में चल रही पॉलीटिक्स पर भी सवाल उठाए। इसके बाद से नेपोटिज्म पर बहस और बढ़ गई और लोगों ने सुशांत की मौत का जिम्मेदार फिल्म इंडस्ट्री की पॉलीटिक्स को ठहरा दिया। जिसमें ज्यादातर लोगों का मानना है कि सुशांत को फिल्म इंडस्ट्री में आउटसाइडर के तौर पर देखा जाता था और उन्हें साइडलाइन किया जाता था।
क्या कार्तिक के खिलाफ चलाया जा रहा एजेंडा
ये बहस समय-समय पर उठती आई है खासकर जब नेपोटिज्म की बात हो या फिर किसी आउटसाइडर के साथ इंडस्ट्री में कुछ ऐसा हो रहा हो। अब हाल ही में ये बहस उठी जब कार्तिक आर्यन की 'तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी रिलीज हुई'। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ प्रदर्शन नहीं कर रही है। अब ऐसे में एक रील काफी वायरल हुई जिसमें इस बात की ओर इशारा किया गया कि कार्तिक के खिलाफ उनकी फ्लॉप कराने का उन्हें साइडलाइन करने का एजेंडा चलाया जा रहा है।
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सुनील शेट्टी ने किया इस बात की ओर इशारा
इसमें कहा गया कि, 'तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरा के बाद मुझे इस बारे में बात करनी होगी। अगर किसी को फिल्म पसंद नहीं आ रही हो तो आप इसे क्रिटीसाइज कर सकते हैं क्योंकि ये पॉइंट्स वेलिड होंगे। लेकिन किसी पर्टीकुलर एक्टर को लगातार फेक पीआर प्रोडक्ट की तरह बताना मुझे गलत लगता है। बहुत ही क्लोज सोर्सेज ने ये बताया है कि बहुत से क्रिएटर और बड़े यूट्यूबर्स इस तरह के नेगेटिव वीडियो बनाने और किसी एक्टर को नीचा दिखाने या फेक दिखाने के लिए पैसे देकर अप्रोच किए जा रहे हैं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन मुझे इससे दिक्कत है। ये क्रिटीसिज्म नहीं है ये किसी को नीचा दिखाना है, ये आउटसाइडर्स के लिए इंडस्ट्री के गेट बंद करने जैसा है। हमने सुशांत सिंह राजपूत के केस में भी ये देखा है, ये बहुत ही गंदी पॉलीटिक्स है जो अंदर तक है, जो हमें बाहर से कुछ नहीं दिखता है'।
इस रील को सुनील शेट्टी ने लाइक किया है जिससे यह पता चलता है कि वे इससे सहमत हैं। इन्फ्लुएंसर ने वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, 'यह किसी फिल्म को पसंद करने या नापसंद करने की बात नहीं है। यह इस बारे में है कि आलोचना कहां खत्म होती है और क्रूरता कहां शुरू होती है। आप कहानी, स्क्रीनप्ले, DI, या यहां तक कि गाने पर भी सवाल उठा सकते हैं। लेकिन जब बात पर्सनल गाली-गलौज, करियर खत्म करने की धमकियों और किसी बाहरी व्यक्ति के खिलाफ टारगेटेड नफरत पर आ जाती है, तो कुछ बहुत गलत हो रहा है। सिनेमा ईमानदारी का हकदार है। पैसे लेकर किया गया शोर नहीं। कैरेक्टर को बदनाम करना नहीं।

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